धैर्य धारण करने की भी पराकाष्ठा होती है,इस पराकाष्ठा को पाते ही व्यक्ति मृत्यु को पा लेता है।। -
धैर्य धारण करने की भी पराकाष्ठा होती है,इस पराकाष्ठा को पाते ही व्यक्ति मृत्यु को पा लेता है।।
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ऐसा नहीं है कि उसने मुझसे कभी बात नहीं की,बस उसने कभी मेरी बात नहीं की।। -
ऐसा नहीं है कि उसने मुझसे कभी बात नहीं की,बस उसने कभी मेरी बात नहीं की।।
मैं तेरे मिलने पर ही कितना रोया था,सोच तेरे बिछड़ने पर मेरा क्या होगा।। -
मैं तेरे मिलने पर ही कितना रोया था,सोच तेरे बिछड़ने पर मेरा क्या होगा।।
मैं जानबूझ कर रूठता नहीं तुझसे,मैं जानता हूं कि तू मुझे मनाएगा भी नहीं। -
मैं जानबूझ कर रूठता नहीं तुझसे,मैं जानता हूं कि तू मुझे मनाएगा भी नहीं।
आज हर शख्स तारीफ़ किए जा रहा है,गर ऐसा मालूम होता तो कभी का मर जाता मैं।। -
आज हर शख्स तारीफ़ किए जा रहा है,गर ऐसा मालूम होता तो कभी का मर जाता मैं।।
तू बहुत गफलत में डाल गया है मुझे,मैं खुद को गलत समझूं या तुझे सही।। -
तू बहुत गफलत में डाल गया है मुझे,मैं खुद को गलत समझूं या तुझे सही।।
मैं ताउम्र बस इसलिए जिया, की हर रोज़ तुझे याद कर कर मर सकूं।। -
मैं ताउम्र बस इसलिए जिया, की हर रोज़ तुझे याद कर कर मर सकूं।।
कितना भारी है ये ज़िंदगी का बस्ता मेरा तुम नहीं समझोगे,इसमें किताबों की जगह उम्मीदों का बोझ है। -
कितना भारी है ये ज़िंदगी का बस्ता मेरा तुम नहीं समझोगे,इसमें किताबों की जगह उम्मीदों का बोझ है।
कितना कुछ सीखा मैनें तुमसे बयां भी नहीं कर सकता,बस तुम्हें समझना मेरी हद में नहीं था।। -
कितना कुछ सीखा मैनें तुमसे बयां भी नहीं कर सकता,बस तुम्हें समझना मेरी हद में नहीं था।।
मेरे क़दम नहीं लड़खड़ाए आज तक,मैनें पापा की उंगली पकड़ कर चलना सीखा था।। -
मेरे क़दम नहीं लड़खड़ाए आज तक,मैनें पापा की उंगली पकड़ कर चलना सीखा था।।