Amit kumar Shukla   (A.K.Shukla)
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Joined 10 April 2018


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29 DEC 2021 AT 19:00

अगर सबकुछ जीत कर, मैं तुमको हार जाऊ तो
मैं सबकुछ हारना पसन्द करूंगा

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28 DEC 2021 AT 23:25

सब कुछ जीतने का कोई मायने नहीं रह जाता
जो तुम्हें ही ना जीत सका

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12 DEC 2021 AT 19:34

सबकुछ जीतकर भी पराजित सा महसूस होता हैं
क्योंकि विजय उत्सव में तुम शामिल नही हो न

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2 DEC 2021 AT 23:10

बहुत कुछ हार कर बैठा हूँ
अपनो से नजरें चुराकर बैठा हूँ
जब से कत्ल हुआ ख़्वाहिशों का
तब से ख़ुद को मारकर बैठा हूँ

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18 NOV 2021 AT 23:55

सबकुछ भूलने की ख़्वाहिश रखकर भी,
सबकुछ भुला नही जा सकता
विरह की इक आग लगी सीने में ऐसी
अब इक पल भी दूर रहा नहीं जा सकता

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18 NOV 2021 AT 23:48

यादों के दहलीज पर जब भी कदम रखना
जरा सम्हल कर रखना,
वहाँ तुमको कुछ पन्ने ऐसे मिलेंगे
जिनको पढ़कर तुम्हारी आंखे नम हों जाएगी
वहाँ तुमको कुछ तस्वीरें मिलेंगी,
जिनको देखकर तुम्हारा मन अशांत हो जाएगा,
वहाँ तुम कुछ ऐसी आवाज़ सुनोगी
जिनको सुनकर तुम सिहर उठोगी
वहाँ तुमको कोई ऐसा मिलेगा
जो तुम्हारे साथ सदैव के लिए पाना चाहता है
यादों के दहलीज पर जब भी कदम रखना
जरा सम्हल कर रखना,

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22 AUG 2021 AT 19:58

सभी "बन्धनों" से मुक्त आज़ाद उड़ने की चेष्टा करने के युग में
"रक्षाबंधन" के पावन पर्व की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं💐💐

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15 AUG 2021 AT 15:58

यूँही नही मिली हैं हमको ये आज़ादी
हम सबको खुशियां देने से पहले
भारत माँ के लाखों लाल ने
ख़ुद की खुशियां लुटा दी

यूँही नहीं रौशन हुए घर हमारे
हम सबको उजाला देने से पहले
असंख्य घरों के आँगन में
अंधियारा ने पहरा डाल दिया

यूँही नहीं होती हैं ये जश्न-ए-आज़ादी
हम सबको ये पल देने से पहले
लाखों मतवालों ने खुद के सर पर
सफ़ेद सेहरा बांध लिया

यूँही नहीं सोते है हम सब चैन से
हम सबको ये सुखद नींद देने से पहले
ना जाने कितनों को
सदा के लिए सोना पड़ा

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6 AUG 2021 AT 19:28

तुम्हें रोकने की कोशिशें होंगी हजार
लाखों बहाने मिलेंगे, आगे ना बढ़ने के
मग़र तब भी खुद में जीत का जोश बनाये रखना
जब तुम्हें अपने आस-पास, दिखे सिर्फ अंधकार

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14 JUN 2021 AT 23:00

जब आपको लगे आप इस संसार के सबसे दुःखी प्राणी हैं
ईश्वर ने आपके जीवन में सिर्फ कष्ट दिए हैं
आप जैसा दुःखी इंसान इस वसुधा पर और कोई नहीं हैं
तो एक बार आप अवश्य विचार करना कि
आपने इस विशाल कुटुम्ब के कितने हिस्सों को जान पाया
क्या आप सभी स्थानों पर पहुँच सके हैं,
सभी के अन्तः मन की वेदना को जाने पाए है
याद रहे आपसे भी ज्यादा कष्ट में रहने वाले आपको मिल जाये
आपको हर्ष अपनी परिस्थितियों में खोजना पड़ेगा
उसे कोई और नहीं देने वाला

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