शिव से ही भक्ति,उनसे ही शक्ति मेरी
शिव मेरा अभिमान, वही वरदान है
तांडव से मिटते हैं पाप, ना है क्रोध का कोई माप
उन्हीं से संसार, उन्हीं से तो भंडार है
शिव का रूप निराला, गले में सजा नाग है
जटा से बहती गंगा, ये भी ग़ज़ब बात है
काल का विनाश वह,सुख का भंडार है
त्रिलोक की शान वह, बंद रास्ते का मार्ग है
पूजा भी, उपकार भी वो हैं
महाकाल, भक्तों की ढाल भी वो हैं
वही शून्य हैं, वही इकाई
सबसे न्यारा, है दिल में बसा शिवाय
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