बीच मझधार में जब कोई छोड़ जाता हैहर तरफ़ रेत ही रेत नजऱ आता हैजितनी कोशिश करतें हैं भूलाने कि "उसे"कम्भख्त उतना ही याद "हमें" वो आता है - ADR
बीच मझधार में जब कोई छोड़ जाता हैहर तरफ़ रेत ही रेत नजऱ आता हैजितनी कोशिश करतें हैं भूलाने कि "उसे"कम्भख्त उतना ही याद "हमें" वो आता है
- ADR