25 MAR 2018 AT 9:03

बीच मझधार में जब कोई छोड़ जाता है
हर तरफ़ रेत ही रेत नजऱ आता है
जितनी कोशिश करतें हैं भूलाने कि "उसे"
कम्भख्त उतना ही याद "हमें" वो आता है



- ADR