सुकून की तलाश में,तू फिरा इधर -उधर
था मगर जहाँ छिपा, गई नही वहाँ नजर
एक दिन मिलेगा वो,जब मिलेगा सब तुझे
तू छोड़ आया एक शहर ,तू छोड़ आया एक गली
ज़िन्दगी की संग चला,वो जिधर-जिधर चली
ये नई सी थी जगह, आसमां भी था नया
तू उड़ा बहुत-मगर ,फिर जरा सा थक गया।..
-पल्लवी
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