Abhilasha Sharma   (Abhilasha Sharma)
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Joined 18 June 2017


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Joined 18 June 2017
9 OCT 2022 AT 21:54

कुछ हसीन ख़्वाबों के पीछे लगे इस कदर
की, कई खूबसूरत रिश्ते रूठ रहे हैं|
मंज़िल कि ओर चले ऐसे
की, सफर के वो उम्दा नज़ारे छूट रहे हैं|

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17 JUL 2022 AT 22:11

आज अनकही बातों का सिलसिला फिर शुरू होगा,
वो अधूरी मुलाकातों का फलसफा पूरा होगा।
इस बार जज़्बातों से कोई सिफारिश नहीं की जाएगी,
ना ही एहसासों से गुज़ारिश की जाएगी।
घटा सावन की ऐसी छाएगी,
ताबिश मिटाने इस बार वो बारिश खुद आएगी।

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6 JAN 2020 AT 21:33

तक़्दीर के भी क्या खेल हैं।
हमारे साये में रह कर,
हमें ही करतब दिखा रही हैं।
मालूम सब हैं पर पता कुछ नहीं,
रास्ता दिख रहा पर रोशनी नहीं।
अजीब सी उलझी हुई हैं ज़िन्दगी,
चल रहा हूँ मैं पर ज़िन्दा नहीं।

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10 NOV 2019 AT 1:14

बता दो तक्लीफो को इनकी ललकार
से डरने नहीं वाले।
शेर हैं हम इतनी जल्दी मरने नहीं वाले।

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14 OCT 2019 AT 19:20

यह तेरी नज़रों का ही तो नूर हैं,
जो मुझे हूर बताता फिरता हैं।

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13 OCT 2019 AT 21:27

एक दोस्त की दोस्ती कुछ
नया सिखा रही हैं।
जीने के नए तरीके बता रही हैं।
कुछ अजीब सी कशिश हैं उसके तरीको में।
मद-मस्त घूमता हैं अपनी मस्ती में,
पर सबके लिये जगह हैं
उसके दिल की बस्ती में।

कहता हैं,
ज़िंदगी खूबसूरत हैं,
जियो दिल खोल के।
आसमां की ऊँचाई को छू लो,
सारे बंधन तोड़ के।

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13 OCT 2019 AT 10:55

मालूम हैं तेरे बगेर यह उमर बितानी हैं,
पर आलम यह हैं कि तेरे दीदार के बिना एक पल नहीं गुज़रता।

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8 OCT 2019 AT 17:42

राम बस भक्तों में नहीं,
सभी के चिंतन में हैं।
मन से बस रावण निकाल,
राम तो सबके दिल में हैं।

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27 SEP 2019 AT 18:03

इश्क़ का सितम कुछ इस तरह था।
वो पागल सा सड़क पर घूम रहा था,
मानो कुछ ढूंढ रहा था।
जब एक राहगीर ने पूछा
क्या खो गया है तुम्हारा
जिसे इतनी शिद्दत से खोज रहे हो।
उसने मौज में कहा
मै इस बारिश में पानी ढूँढ रहा।

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26 SEP 2019 AT 20:11

यूँ तो तेरे जाने से कोई जीना नहीं छोड़ेगा,
तेरे रूठने से वो मुस्कुराना नहीं छोड़ेगा,
ज़माना बहुत ज़ालिम हैं सनम
यह तेरे इश्क़ की तौहीन करना नहीं छोड़ेगा।

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